“जो जिन्दगी का मज़ा लेना चाहता है, वो दुनिया को घूमने चला जाए।” – हकीम लुदहियानवी
“यात्रा एक शिक्षा है, जो हमें अपनी सीमाओं को पार करना सिखाती है।” – मार्क ट्वेन
“जितनी जगहें दुनिया में देखेंगे, उतने ही बड़े नजारे दिखेंगे।” – आज़ीज़ प्यारी
“चलो, जहां गया नहीं हूँ, वहीं से शुरुआत करें।” – अब्दुल कलाम
“यात्रा उस खुदा की तरफ जाने की है, जो हमें खुदा का दर्शन कराता है।” – अरविन्द घोष
“जहां तालाब पानी का होता है, वहां रीढ़ की हड्डी हो नहीं सकती।” – अतल बिहारी वाजपेयी
“यात्रा करो, इसलिए कि इन खेल-खेलाड़ी ने इंसान को खतरे में डाल रखा है।” – रवींद्र नाथ टैगोर
“यात्रा का मतलब है, अपने अंदर को खोजना और नये रंग देखना।” – जावेद अख़्तर
“जीवन एक यात्रा है, खुद को खो देने से पहले खुद को पाना जरूरी है।” – राहत इंदोरी “यात्रा में मंजिल महत्वपूर्ण नहीं होती, बल्कि मार्ग जीने की खुशी में छिपी होती है।” – स्वामी विवेकानंद
“जिन्दगी एक सफर है, और यात्रा उसका सुंदर अंग है।” – प्रेमचंद
“तस्वीरों से पहले यात्रा करो, क्योंकि ज़िन्दगी शब्दों से बेहतर होती है।” – विशाल दंड्वत
“यात्रा करना हमें व्यापारियों जैसा बना देती है, जो बाजार में देखना पसंद करते हैं।” – पंकज जैन BRINGING UP THE PAST QUOTES
“यात्रा में चल चौकीदार के रुप में न चलें, बल्कि रंगीन परिदृश्यों के रुप में चलें।” – अभिनव भारती
“एक बार जो मंजिल पर पहुंच जाओगे, फिर तुम्हारी यात्रा कभी रुकने की सोच नहीं करेगी।” – वाल्ट डिस्नी
“यात्रा ऐसी बात है, जिसमें बदल जाओगे तुम और चाहे वो बदल सब के लिए अच्छा हो या बुरा।” – विनोबा भावे
“यात्रा सफलता की कुंजी है, क्योंकि वो हमें नई दुनिया के दरवाज़े खोलती है।” – जॉन मीयर
“यात्रा करो, वरना कभी भी सोचने का मौका नहीं मिलेगा।” – ओस्कर वाइल्ड
“यात्रा महका देती है जीवन का वो गुलाब, जिसको देख उठती है नयी उम्मीद की लहर।” – गंगा प्रसाद विमल
“जो जिन्दगी का मज़ा लेना चाहता है, उसे सबसे पहले यात्रा करना होता है।” – जॉन मंडील
“यात्रा के बारे में सोचने की जगह, आपके णयन करते वक्त खुद को ढलवाने की हो जाती है।” – रवींद्र पाथक
“यात्रा के दौरान हो जाती है ज़िंदगी की पुनर्जागरण, और अपनी सीमाओं को पार करके पाती है आपको स्वतंत्रता।” – गालीली
“यात्रा की वजह नहीं होती, बल्कि चाह होती है।” – विनसेन्ट वैन गोग
“यात्रा में चले जाओ, और अपनी दृष्टि में श्वेतपत्र और काशी की भटकती हुई सड़के देखने वाले न बनो।” – स्वामी जीवनानंद